The Ultimate Guide To Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana
अपने किसी ऐसे एक दोस्त के घर जाएँ, जिसके पास एक डॉग है और तब तक उसे अपने कुत्ते के साथ बातचीत करते हुए देखें जब तक कि आपका डर खत्म न हो जाए।
यह डर मेरे जीवन को कैसे प्रभावित कर रहा है?
किताबें, कहानियां, कविताओं के काफी करीब है, या तो बोलती नहीं है और जब बोलती है तो चुप नहीं होती। लिखना शौक है और पेशा भी।
जब आप जीवन में आगे बढ़ते हैं, तो ढ़ेर सारी मुश्किलें आपके रास्ते में आती हैं। खुद को नई चुनौतियों के लिए तैयार रखें और उनका सामना करने के लिए हर संभव प्रयास करें। अपने आप को किसी भी मायने में कमज़ोर या भयभीत न समझें। डर का मज़बूती से सामना करें और आगे बढ़ें।
इसी तरह हर तरह के डर के पीछे कोई ना कोई वजह होती है, बस उसे दूर करने का प्रयास करें और बाकी समय पर छोड़ दें.
यह याद रखना जरूरी है कि कभी-कभी डरना भी ठीक होता है। जब हम अपने अंदर के डर को नकारने लगने हैं तो यह हमारी चिंता का कारण बनता है। किसी के मन में डर एक ऐसी स्थिति के कारण पैदा होता है जो आपके नियंत्रण से बाहर होती है। ऐसा स्थिति में डर लगना हमारी एक सामान्य more info प्रतिक्रिया हो सकती है। इस डर में होने पर बुरी तरह से बहकने या तेजी से प्रतिक्रिया करने के बजाय, इसे स्वीकार करें। स्वीकृति आपके डर पर काबू पाने का पहला कदम है। डर लगना बुरी बात नहीं, इससे दूर भागना बुरी बात है।
तो ऐसा सोच सोचकर वो चीज़ों को और मुश्किल बना लेते हैं.
मोबाइल ऐप्स जो डर कम करने में मदद करते हैं
डर के प्रकार – जानिए कौन-से डर आपको रोकते हैं
दिखावा करना की आपको डर नहीं है बहुत सरल हैं मगर यहां मन बहाने बनाने लगता हैं बजाए मुड़कर डर का सामना करने के आप इससे पीछा छुड़ाने के विषय में सोचने लगते हैं। डर को आगे बढ़ने के कारक की तरह पहचाने ना कि बहाने बनाने के लिए
पोस्ट की शुरुआत में ही हमने आपको बताया था की डर कभी भी आपसे ज्यादा ताकतवर नहीं होता. बस हमें ये चीज़ समझने की जरूरत होती है.
जैसे हाथ पैंर कांपने लगना, सांस भारी हो जाना, दिल की धड़कन तेज हो जाना और कभी कभी चक्कर आ जाना. इन शारीरिक लक्षणों के साथ साथ हमारी मानसिक हालत भी कमजोर हो जाती है.
तो कहने का मतलब ये है की डर और घबराहट को बढाने में नशीली चीज़ों का बहुत बड़ा हाथ होता है. तो यदि आप पहले से ही डरे डरे रहते हैं तो ये चीज़ें आपको और ज्यादा कमजोर कर देती हैं.
तो यहाँ हम डरे, इसीलिए सुरक्षित बचे ना. बस यही कारण है की भगवान् ने हमारे अन्दर डर नाम की एक चीज़ पैदा की, जिससे हम खतरों के पास ना जाएँ और अपने आप को बचा पायें.